आजम खान को फिर मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा,रिहाई के बाद बढ़ी सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए सरकार का निर्णय
फिरोज खान भास्कर टुडे
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। यह निर्णय उनकी जेल से रिहाई के बाद लगातार बढ़ती राजनीतिक सक्रियता और जनसंपर्क अभियानों को देखते हुए लिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने रिपोर्ट में उनके प्रति संभावित खतरे की आशंका जताई थी, जिसके आधार पर शासन स्तर पर यह फैसला किया गया।
जानकारी के मुताबिक, आजम खान की सुरक्षा में अब एक जिप्सी वाहन और सात सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। इनमें प्रशिक्षित गार्ड और गनर शामिल हैं, जो 24 घंटे उनकी सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संबंधित पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में की गई समीक्षा में पाया कि आजम खान के जनसंपर्क कार्यक्रमों और सार्वजनिक उपस्थिति में काफी भीड़ उमड़ती है। रामपुर, बरेली, मुरादाबाद और लखनऊ समेत कई स्थानों पर उनके कार्यक्रमों में हजारों समर्थक पहुंचते हैं, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाता है। इसी आधार पर पुलिस ने शासन को वाई श्रेणी सुरक्षा की अनुशंसा की थी, जिसे मंजूरी मिल गई है।
आजम खान उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा और विवादित चेहरा रहे हैं। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और रामपुर से कई बार विधायक और सांसद रह चुके हैं। लंबे राजनीतिक जीवन में वे कई बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में उन पर कई मुकदमे दर्ज हुए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
जेल से रिहाई के बाद से आजम खान फिर से सक्रिय राजनीति में लौटे हैं। वह रामपुर सहित आसपास के जिलों में जनता से मुलाकात कर रहे हैं और समाजवादी पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। उनके समर्थक एक बार फिर उन्हें सक्रिय राजनीति में देखने को लेकर उत्साहित हैं।
प्रदेश सरकार के इस कदम पर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह फैसला पूरी तरह जायज़ और ज़रूरी है, क्योंकि आजम खान की लोकप्रियता और प्रभाव क्षेत्र को देखते हुए उनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कुछ नेताओं का कहना है कि सरकार का यह निर्णय राजनीतिक दबाव में लिया गया है और यह “सियासी सौदेबाज़ी” का हिस्सा हो सकता है।
हालांकि, प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि आजम खान को सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय पूरी तरह सुरक्षा मानकों और रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है। शासन का मानना है कि किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति की सुरक्षा में कोताही नहीं बरती जा सकती।
वहीं, रामपुर और लखनऊ में सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आजम खान की सुरक्षा से संबंधित सभी व्यवस्थाओं पर नियमित निगरानी रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करें।
फिलहाल, आजम खान की वाई श्रेणी सुरक्षा बहाल होने से उनके समर्थकों में संतोष का माहौल है, जबकि राजनीतिक हलकों में इस फैसले को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं जारी हैं। सरकार का कहना है कि सुरक्षा किसी व्यक्ति के पद या दल से नहीं, बल्कि जोखिम के स्तर से तय होती है और आजम खान के मामले में वही सिद्धांत लागू किया गया है।